अमरेन्द्र जी आपके इस आलेख का नवोदित कहानीकार भरपूर लाभ उठाएँगे। मैं हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों से अनुरोध करूँगा कि वह इस आलेख को पढ़ें और कहानी लेखन कार्यशाला का ही भाग मानें।
आपके सुलझे और मार्गदर्शक लेख के लिए बहुत- बहुत बधाई! आज के कहानी की कार्यशाला में मैंने आप के इस लेख और आप के कहानी संग्रह की चर्चा की थी। मुझे लगता है कि आप की कहानी पढने से लोगों को अच्छी कहानी के बारे में स्वयं ही पता चल जाएगा। क्या आप अपनी कोई कहानी ब्लाग पर लगा पाऐंगे? पढने की उत्सुकता रहेगी।
अमरेन्द्र का जन्म बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में हुआ। आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुज़फ़्फ़पुर में संपन्न की। स्नातक की डिग्री मोतीलाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद से प्राप्त करने के पश्चात आपने अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनीवर्सिटी से औद्योगिकी अभियंत्रण में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। संप्रति आप अमेरिका में डाउ केमिकल मे कार्यरत हैं। साहित्य, चित्रकला, संगीत एवं भ्रमण में आपकी रुचि है। आपकी रचनाएँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आप संयुक्त राज्य अमेरिका से निकलने वाली पत्रिका ’क्षितिज’ और ’ई-विश्वा’ का सम्पादन भी करते रहे हैं। प्रकाशन : "चूड़ीवाला और अन्य कहानियाँ" - कहानी संग्रह (2007), प्रकाशक : पेंगुइन बुक्स इंडिया
मेरे तूणीर, मेरे बाण (व्यंग्य संग्रह)
“मेरे तूणीर, मेरे बाण” (व्यंग्य संग्रह), 2018, प्रकाशक – प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
"अनुगूँज" (कविता संग्रह)
"अनुगूँज" (कविता संग्रह), 2012, प्रकाशक – यश पब्लिकेशन्स, नई दिल्ली-मुम्बई
गांधीजी खड़े बाज़ार में
गांधीजी खड़े बाज़ार में - कथा संग्रह (२०१०) / प्रकाशक - मेधा बुक्स, नई दिल्ली
चूड़ीवाला और अन्य कहानियाँ
चूड़ीवाला और अन्य कहानियाँ / लेखक: अमरेन्द्र कुमार / प्रकाशक: पेंगुइन बुक्स www.penguinbooksindia.com
http://www.lavanyashah.com/
ReplyDeleteआप मेरे ब्लोग पर भी अवश्य पधारेँ इस आलेख के लिये आभार
स्नेह सहित,
- लावण्या
अमरेन्द्र जी आपके इस आलेख का नवोदित कहानीकार भरपूर लाभ उठाएँगे। मैं हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों से अनुरोध करूँगा कि वह इस आलेख को पढ़ें और कहानी लेखन कार्यशाला का ही भाग मानें।
ReplyDeleteसुमन कुमार घई
अमरेन्द्र जी आपके इस आलेख में बहुत लाभप्रद जानकारी है, धन्यवाद!
ReplyDeleteअमरेन्द्र जी,
ReplyDeleteआपके सुलझे और मार्गदर्शक लेख के लिए बहुत- बहुत बधाई! आज के कहानी की कार्यशाला में मैंने आप के इस लेख और आप के कहानी संग्रह की चर्चा की थी। मुझे लगता है कि आप की कहानी पढने से लोगों को अच्छी कहानी के बारे में स्वयं ही पता चल जाएगा।
क्या आप अपनी कोई कहानी ब्लाग पर लगा पाऐंगे? पढने की उत्सुकता रहेगी।
स्नेह
शैलजा
आप सबकी प्रतिक्रिया के लिये हार्दिक आभार। कुछ साल पहले लिखी एक कहानी और कुछ नयी क्षणिकायें पोस्ट कर रहा हूं..समय मिले तो पढियेगा।
ReplyDeleteसादर,
अमरेन्द्र