Saturday, February 28, 2009

क्षणिकायें

रात और दिन

रात झुक जाती है
दिन के कंधे पर
दिन उसे लिये फिरता है
फिर थक जाता है
रात की नींद खुल जाती है
दिन को थपकाती है
सहलाती और सुलाती है
खुद एक आंख में
सारी रात काट देती है
कौन कहता है कि
दिन का विलोम रात है।

उदासी और मुस्कान

मैंने जब भी पूछा
उसकी उदासी का कारण
उसने मुस्कराकर टाल दिया।

युद्ध और शांति

जीता जा सकता है
हर युद्ध को
लेकिन उसके लिये
शांति जरूरी है।

सर्दी और गर्मी

सर्दी की मुठ्ठी गर्म करते ही
गर्मी अपने आप चली आयी ।

सच और झूठ

सच और झूठ में
फ़र्क है सिर्फ़ इतना
सच अभी रूलाता है
झूठ बाद में। - हर्षा प्रिया

सच और झूठ

सच और झूठ में
फ़र्क है सिर्फ़ इतना
सच सच ही रहता है
लेकिन झूठ बदल जाता है।

आदमी और जानवर

आदमी और जानवर में
फ़र्क है।
जानवर जानवर को खाता है
आदमी जानवर और आदमी
दोनों को ही |

भक्त और भगवान

मैं भक्त हूं
और तुम भगवान
मैं तुम्हें जीत लूंगा ।

मैं भगवान हूं
और तुम भक्त
मैं हार जाऊंगा ।

धरती और स्वर्ग

रावण ने सोचा था
कि वह बनायेगा एक पुल
धरती और स्वर्ग के बीच ।

आज भी पुल बन रहे हैं
स्वर्ग भी है
लेकिन धरती कहां है ?


कवि और आलोचक

मैं कवि हूं
और तुम आलोचक
मैं आगे बढता हूं
तुम मेरा अनुसरण करते हो।

मैं आलोचक हूं
और तुम कवि
आगे तुम बढते हो
मैं तुम्हारा मार्ग प्रशस्त करता हूं।


देवता और दानव

देवता ने जीता दानव को
बदले में
दानव ने जीत लिया
आज के आदमी को

देवता और दानव के बीच
आज भी यह संघर्ष जारी है।



मौन एक कविता

मौन एक कविता है
अगर जो कविता
सचमुच की कविता है।


शब्द उर्जा
शब्द उर्जा है
समझदारी से व्यय करो।


कहना और सुनना

बहुत कहने से
कहना तो हो जाता है।
लेकिन सुनना नहीं होता ।


मुक्ति की अभिलाषा

मुझे मुक्ति चाहिये
हर उस चीज से
जो बांधती है
मुझे मुक्ति मिल जायेगी
अगर जो मुक्त हो पाउं
मुक्त होने की अभिलाषा से।


दाग और खूबसूरती

चांद खूबसूरत है
इसलिये ही नहीं
कि उसके पास चांदनी है
पर इसलिये भी कि
उसमें दाग है
दाग खूबसूरती को बढा सकता है।


नया और पुराना

नया कुछ भी नहीं होता
जो होता है
वह पुराने से साक्षात्कार ।

राम और सीता

अगर जो मैं सीता नहीं
तुम भी तो नहीं राम
यही कारण है कि
अब कोइ राम नहीं होता
और न होती कोइ सीता ।



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कूकर और कडाही

इंडियन कूकर हूं
इसलिये सीटी बजाता हूं
अगर जो पसंद नहीं तो
बदल दो मुझको
अमेरिकन कूकर
या भारतीय कडाही से।


इंडियन और अमेरिकन कूकर

इंडियन कूकर हूं
इसलिये बज के रूक जाता हूं
अगर जो अमेरिकन होता
बजता ही रहता ....हर्षा प्रिया

कविता का राज़

घर में भी हो सकती है
कविता
अगर जो पत्नी
कवयित्री हो जाय !!!




सर्वाधिकार: अमरेन्द्र कुमार
Copyright: Amarendra Kumar