वर्तमान समय को अगर हिन्दी भाषा और साहित्य की अवनति का काल कहा जाये तो सम्भवत: अतिरेक नहीं होगा। आज हिन्दी समाज अन्तर्कलह, आरोप-प्रत्यारोप, वाद-विवाद और वैचारिक शून्यता के अन्धेरे में भटक रहा है। पिछले कुछ दशकों से यही स्थिति बनी हुई है। इससे किसको कितना लाभ मिला यह कहना कठिन है लेकिन जिसको सबसे अधिक हानि हुई है वह स्वयं हिन्दी भाषा और साहित्य है। इसी स्थिति को संदर्भ में रखते हुये मेरे मन में यह विचार आया कि सर्वेक्षण के माध्यम से लोगों की मनोदशा और विचारों को जाना और समझा जा सकता है। मीडिया और प्रबंध जैसे क्षेत्रों में सर्वेक्षण एक सक्षम और सहज मान्य प्रक्रिया है निष्कर्षों तक पहुंचने का लेकिन हिन्दी जगत में इसका प्रयोग मेरी दृष्टि में अभी तक नहीं आया। यह जान लेना आवश्यक है कि किसी सर्वेक्षण के आधार पर निकाले गये निष्कर्ष को पूर्ण प्रमाणिक नहीं कहा जा सकता लेकिन वह(निष्कर्ष) प्रमाणिकता की ओर संकेत अवश्य करता है। साथ ही किसी सर्वेक्षण का परिणाम इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह सर्वेक्षण किस समूह के बीच, किस समय और किस परिस्थिति में किया जा रहा है।
अस्तु, इस बार के सर्वेक्षण का विषय है - हिन्दी भाषा एवं साहित्य - संकट और संभावना । आपकी भागीदारी की अपेक्षा है। आप अपने मित्रों-परिचितों को भी इसमें भाग लेने के लिये प्रेरित कर सकते हैं।
सर्वेक्षण में भाग लेते समय निम्न बातों पर ध्यान दें -
१. यह आपकी स्वेच्छा है।
२. यह विचारों के विनिमय का मंच है हार-जीत का नहीं।
३. पूर्वाग्रहों, वैचारिक दृढता और अतिशयता से बचें ।
४. आप अपने उत्तर अगर सार्वजनिक रूप से प्रगट नहीं करना चाहें तो मुझे मेरे निजी ई-मेल पर भेज सकते है - amarendrak03@yahoo.com (कृपया ध्याद दें - 3 से पहले "शून्य" है)
5. इसका संदर्भ सार्वजनिक, सार्वदेशिक और सार्वकालिक है।
६. प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर सम्भव हैं और अंतिम विकल्प के रूप अपने विचार ५०-१०० शब्दों में प्रगट कर सकते हैं।
प्रश्न १ . आपकी दृष्टि में हिन्दी जगत का सबसे बडा संकट क्या है ?
क) हिंदी साहित्य की गिरती हुई स्तरीयता और लोकप्रियता
ख) हिंदी प्रकाशकों की सार्थक भूमिका का अभाव
ग) सूचना, प्रसारण और मनोरंजन के अन्य माध्यमों का वर्चस्व
घ) सरकार और संगठनों की सार्थक भूमिका का अभाव
ड) स्वतंत्र हिन्दी लेखकों की आर्थिक निर्भरता
च) वैचारिक गुटबंदियां और साहित्यिक असहिष्णुता
छ) सार्थक आलोचना का अभाव
ज) अन्य (अपने विचार ५०-१०० शब्दों में प्रगट करें)
प्रश्न २ . आपकी दृष्टि में हिन्दी जगत की सबसे बडी सम्भावना क्या है ?
क) हिंदी भाषा और साहित्य का भारत की संस्कृति से अन्योनाश्रय सम्बंध
ख) हिंदी लेखकों का अदम्य उत्साह
ग) सूचना और प्रसारण प्रौद्योगिकि का विकास
घ) हिन्दी फ़िल्मों की बढती लोकप्रियता
ड) हिन्दी का वैश्विक प्रसार और प्रवासी साहित्य
च) अन्य (अपने विचार ५०-१०० शब्दों में प्रगट करें)
Sunday, July 19, 2009
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