tag:blogger.com,1999:blog-7827652931906931516.post5539235011739212057..comments2023-05-16T12:28:36.864-04:00Comments on अमरेन्द्र कुमार: कविता का कारखानाअमरेन्द्र:http://www.blogger.com/profile/01441622529368131856noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7827652931906931516.post-12651655712503504062010-02-10T16:20:12.531-05:002010-02-10T16:20:12.531-05:00कविता बहुत सामयिक है। वास्तव में यह काम तो हो ही र...कविता बहुत सामयिक है। वास्तव में यह काम तो हो ही रहा है बहुत सी जगहों पर तो यह काम हो ही रहा है। मंचीय कविता प्राय:माँग के अनुसार उत्पादित की जाती है..उत्पन्न नहीं होती।<br /><br />नया विचार-नया भाव..बहुत सुन्दर, बधाई!!<br /><br />स्नेह,<br />शैलजाDr. Shailja Saksenahttps://www.blogger.com/profile/07982279326388961141noreply@blogger.com